1990 के दशक की तरह एक और रथयात्रा निकलेगी। रथ यात्रा एक राजनीतिक और धार्मिक रैली थी जो सितंबर से अक्टूबर 1990 तक चली थी। इसका आयोजन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके हिंदू राष्ट्रवादी सहयोगियों द्वारा किया गया था, और इसका नेतृत्व भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने किया था । गुजरात से रामनगरी अयोध्या के लिए 8 जनवरी को 1990 के दशक की तरह एक और रथयात्रा निकलेगी। यह रथयात्रा गुजरात-MP-UP के 14 शहरों से होते हुए 1400 किमी का सफर तय करेगी और 20 जनवरी को रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी।
अहमदाबाद की राम चरित मानस ट्रस्ट- न्यूराणिप रथयात्रा आयोजित कर रही है। अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट रामलला को 51 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाएगा। इससे पहले 1990 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी ने प्रथम पूज्य सोमनाथ ज्योर्तिलिंग धाम से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली थी। रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन आमजन तक पहुंचा था। गुजरात से अयोध्या- 33 साल बाद फिर रथयात्रा:आडवाणी को प्राण-प्रतिष्ठा में आने का न्योता मिला, ट्रस्ट ने पहले आने से मना किया था
विवाद के बाद आडवाणी को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता। 4 हजार संत, 2 हजार VIP आमंत्रित किए गए, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को अभिषेक समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। आमंत्रित लोगों की जानकारी देते हुए राय ने कहा कि आडवाणी और जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों से अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं।