हुनर
एक जंगल मे ,बरगद का विशाल पेड़ था। उस पेड़ पर एक चिड़ियाँ घोसला बना कर अपने बच्चो के साथ रहती थी। उसी पेड़ की दूसरी डाली पर एक रानी मधुमक्खी अपनी अन्य मधुक्खियाँ सेना के साथ ,छता बना कर रहती थी। सभी मधुमखियाँ बहुत मेहनती थी। और अपनी रानी मधुमक्खी की आज्ञा को हमेशा मानती थी। उसी जंगल मे एक भालू रहता था जो आये दिन आकर जब रानी मधुमक्खी सो जाती थी। और अन्य मधुमक्खियाँ शहद बानने के लिए फूलो का पराग लेने गई होती थी। तो भालू छत्ते से शहद चुरा कर खा जाता था। चिड़ियाँ देखती तो वह भालू को कुछ ना बोलती ,और ना ही उसकी शिकायत रानी मधुमक्खी से करती कि कही गुस्से मे उसका घोंसला ना तोड़ दे। ऐसा काफी समय से चलता रहा। पर पड़ौसी होने के कारण चिड़ियाँ से चुप ना रहा गया। एक दिन उसने रानी मधुमक्खी को कहा कि तुम इतनी मेहनत से शहद बनाती हो। और जब तुम सो रही होती हो तो भालू तुम्हारे शहद चुरा ले जाता है। रानी ने कहा मुझे पता है। तो चिड़ियाँ ने कहा तुम्हे बुरा नहीं लगता। मधुमक्खी ने बहुत सुन्दर जबाब दिया।” भालू मेरा शहद ही चुरा सकता है। पर हुनर नहीं। “
Kanchan Thakur